भारत सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा महिलाओं के हित को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाई) का संचालन किया जा रहा है।
इस योजना के माध्यम से कन्या भ्रूण हत्या में कमी आई है तथा लिंग अनुपात में सुधार आने की संभावना है।
‘मिशन शक्ति’ के नए दिशानिर्देशों के अनुसार PMMVY 2.0 वर्तमान समय में गर्भवती महिलाओं को कुल Rs. 11,000 तक का सहायता राशि प्रदान किया जा रहा है।
जिसके माध्यम से गर्भपात या मृत जन्म के मामले में भी महिलाओ को लाभ मिल रहा है वही पहले संतान होने पर सहायता राशि दिया जाता है, फिर दूसरे संतान यदि लड़की होती है तब एक मुश्त सहायता राशि प्रदान किया जा रहा है।
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प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना का उद्देश्य
प्रधान मंत्री मातृ वंदना योजना का मुख्य उद्देश्य समाज के सामाजिक तथा आर्थिक रूप से वंचित वर्गों की महिलाओं को मातृत्व लाभ प्रदान करना है, ताकि महिला गर्भधारण के समय आर्थिक और सामाजिक रूप से खुश रह सके।
इस योजना के माध्यम से एक महिला को पहले दो जीवित बच्चों के लिए आर्थिक सहायता प्रदान किया जा रहा है, लेकिन दूसरा बच्चा लड़की होनी चाहिए।
केंद्र सरकार द्वारा पीएमएमवीवाई के माध्यम से वर्तमान समय में पहले बच्चे के लिए दो किस्तों में 5,000 रुपए मातृत्व लाभ प्रदान किया जा रहा है।
इस योजना। के माध्यम से संस्थागत प्रसव की संख्या में बढ़ोतरी हुई है, महिलाएं जननी सुरक्षा योजना (जेएसवाई) के तहत मातृत्व लाभ भी उठा रही है।
वही दूसरे बच्चे के जन्म के बाद यदि दूसरा बच्चा लड़की होती हैं तब एक किस्त में 6,000 रुपए महिला लाभार्थी को प्रदान किया जा रहा है।
PMMVY 2.0 योजना का लाभ
प्रथम संतान के लिए योजना की शर्तें :
1. पहली किश्त : महिला लाभार्थी जैसे ही गर्भावस्था का पंजीकरण कराती है वही अंतिम माहवारी की तारीख से छह माह के भीतर यदि महिला एक प्रसवपूर्व जांच करा लेती है और उसकी जानकारी संबंधित प्रशासित राज्य/संघ राज्य क्षेत्र द्वारा आंगनवाड़ी केंद्र या फिर अनुमोदित स्वास्थ्य सुविधाओं को उपलब्ध कराती है ऐसे स्थित में महिला लाभार्थी को 3000 रूपये की सहायता राशि प्रदान किया जाता है।
2. दूसरी किश्त : वर्तमान समय में महिला लाभार्थी का प्रसव पंजीकृत है। जैसे ही बच्चा होता है और वह जीवित रहता है ऐसे में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम के तहत 14 सप्ताह की आयु तक बच्चे को यदि सभी टीके लग जाते है तब महिला लाभार्थी को बच्चे के लालन पालन के लिए 2000 रूपये प्रदान किया जाता है।
दूसरे बच्चे के लिए योजना की शर्तें (यदि लड़की है) :
एक बच्चे के जन्म के बाद यदि महिला लाभार्थी पुन: गर्भावस्था में होती है, ऐसी स्थिति में महिला लाभार्थी को पुन: पंजीकरण कराना होता है, महिला लाभार्थी एलएमपी से छह महीने के भीतर आंगनवाड़ी केंद्र (एडब्ल्यूसी) पर कम से कम एक प्रसवपूर्व जांच (एएनसी) के बाद संबंधित प्रशासित राज्य/यूटी द्वारा अनुमोदित स्वास्थ्य सुविधाओं की पहचान करा कर आवेदन करती है।
और जब महिला लाभार्थी का बेटी होती है तब इस योजना के तहत बालिका के जन्म को पंजीकृत कराने की आवश्यकता होती है। इसके बाद स्वास्थ्य तथा परिवार कल्याण मंत्रालय के सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम के तहत जन्म की तारीख से चौदह सप्ताह की आयु प्राप्त करने तक सभी उचित टीके लग चुके होते है, तब ऐसे में महिला लाभार्थी को बालिका के पालन पोषण के लिए 6000 रुपए एक ही किस्त में प्रदान किया जाता है।
मातृ वंदना योजना पात्रता – Pradhan Mantri Matru Vandana Yojana Eligibility
• आवेदक गर्भवती महिला लाभार्थी की आयु कम से कम 19 वर्ष होनी चाहिए।
• आवेदक महिला कार्यरत होना चाहिए तथा गर्भावस्था के कारण वेतन हानि का सामना कर रही हो यानी छुट्टी पर हो सकती है
• गर्भवती महिला केवल प्रथम जीवित जन्म बच्चे के लिए इस योजना के लिए आवेदन कर सकती है।
• इस योजना के लाभार्थी बच्चे के जन्म से 270 दिनों के भीतर पीएमएमवीवाई योजना के तहत लाभ के लिए आवेदन कर सकती है।
• यदि कोई गर्भवती महिला लाभार्थी अपनी दूसरी गर्भावस्था में जुड़वां/तीन/चार बच्चों को जन्म देती है, जिसमें से एक या अधिक बच्चे लड़कियां हैं, बालिका के लालन पालन के लिए पात्रता होती है।
आर्थिक और समाजिक रूप से वंचित वर्ग के लिए निर्धारित मानदंड
• अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति की महिलाएं होनी चाहिए।
• ऐसी महिलाएं जो आंशिक रूप से (40%) या पूर्ण रूप से विकलांग हैं वह आवेदन कर सकती हैं।
• बीपीएल राशन कार्ड धारक महिलाएँ इस योजना के लिए लाभार्थी है।
• वे महिला जो आयुष्मान भारत के तहत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएमजेएवाई) के तहत लाभार्थी है वह भी आवेदन कर सकती है।
• ई-श्रम कार्ड धारक महिलाएं भी पात्र है।
• किसान सम्मान निधि के अंतर्गत लाभार्थी महिला भी इस योजना का लाभ उठा सकती है।
• मनरेगा जॉब कार्ड धारक महिलाएं भी लाभ के पात्र है।
• ऐसी महिलाएँ जिनकी शुद्ध पारिवारिक आय 8 लाख रुपये से कम है।
• गर्भवती तथा स्तनपान कराने वाली आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायक महिला कार्यकर्ता/ आशा कार्यकर्ता
• एनएफएसए अधिनियम 2013 के तहत राशन कार्ड रखने वाली महिलाएं भी इस योजना के लिए पात्र है।
योजना के लिए अपात्र महिला
• यदि महिला के पास Heavy Farming Equipments है तब वह अपात्र है। इसके साथ ही सरकार के लिए खेती से संबंधित कार्य करती है।
• ऐसी महिला जिनके पास फोर व्हीलर या फिर हेवी ट्रैक है।
• ऐसी महिला जो सरकारी लाभ के पद में है।
• ऐसी महिला जिनके पास किसान क्रेडिट कार्ड है और उसकी लिमिट 50000 रुपए मंथली है।
• ये महिला लाभ की पात्र नहीं है जिनका सैलरी 10,000 रुपए से अधिक है।
• यदि महिला के पास 5 एकड़ से अधिक खेती भूमि है तब वह इस योजना का लाभ नहीं उठा सकती है।
• अगर गर्भवती महिलाएं और स्तनपान कराने वाली माताएं केंद्र सरकार या राज्य सरकार या सार्वजनिक क्षेत्र मे रोजगार वाली हैं या कसी भी समय लागू कानून के तहत लाभ प्राप्त कार रही हों।
आवश्यक दस्तावेज – Required Documents for Pradhanmantri Matru Vandana Yojana
- आधार कार्ड
- आधार मैप्ड बैंक/डाकघर,
- बैंक के खाते का विवरण DBT enabled,
- पात्रता प्रमाण
- एमसीपी/आरसीएचआई कार्ड,
- एलएमपी तारीख
- एएनसी तिथि
- बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र,
- बाल टीकाकरण विवरण आदि
निम्न में से कोई एक दस्तावेज आवेदन करने के समय जमा करना होता है–
- आय प्रमाण पत्र वे महिलाएँ जिनकी शुद्ध पारिवारिक आय 8 लाख रुपये प्रति वर्ष से कम है।
- मनरेगा जॉब कार्ड प्रमाण पत्र
- किसान सम्मान निधि कार्ड
- ई-श्रम कार्ड
- जन आरोग्य योजना (पीएमजेएवाई) कार्ड के
- बीपीएल राशन कार्ड
- विकलांगता प्रमाण पत्र ऐसी महिलाएं जो आंशिक रूप से (40%) या पूर्ण रूप से विकलांग (दिव्यांग जन) हैं।
- एससी सर्टिफिकेट
- एसटी सर्टिफिकेट
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के लिए आवेदन कैसे करे? – How to apply for PMMVY 2.0
वर्तमान समय में यदि आप इस योजना का लाभ उठाना चाहते हैं तब आपको निम्न स्टेप को ध्यान में रखकर आवेदन करने की आवश्यकता होगी –
1. सबसे पहले आपको केंद्र सरकार द्वारा जारी किया गया आधिकारिक वेबसाइट https://pmmvy.wcd.gov.in/ में जाना के बाद होम पेज में Citizen login के ऑप्शन में क्लिक करना होगा।
2. इसके बाद आपको मोबाइल नंबर दर्ज करके फिर वेरिफाई कर लेना होगा।
3. इसके बाद आपको फिर पूरा नाम, राज्य, जिला, क्षेत्र, ब्लॉक, गांव तथा लाभार्थी के साथ संबंध जैसे विवरण दर्ज कर लेना होगा, फिर खाता बनाएँ बटन पर क्लिक कर देना होगा।
4. इस तरह से आप आसानी से प्रधान मंत्री मातृ योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं।
5. एक बार खाता बन जाए फिर आपको होम पेज में लॉगिन का ऑप्शन दिखाई देगा उसमें क्लिक कर लेना होगा।
6. इसके बाद आपको यूजर आईडी, पासवर्ड तथा कैप्चा कोड दर्ज कर लेना होगा।
7. अब आपको सफल लॉगिन के बाद, “डेटा एंट्री” टैब पर क्लिक कर लेना होगा तथा “लाभार्थी पंजीकरण” विकल्प चुन लेना होगा।
8. इसके बाद अब लाभार्थी पंजीकरण पृष्ठ पर सभी विस्तृत व्यक्तिगत विवरण दर्ज कर देना होगा।
9. अब आपको प्रथम बच्चे अथवा द्वितीय बच्चे के लिए आवेदन करते समय योजना के अंतर्गत उपयुक्त विकल्प चुन लेना होगा।
10. इसके बाद जब फॉर्म के सभी विवरण पूरे हो जाता है यह आपको सबमिट बटन पर क्लिक कर देना होगा।
योजना के लिए Portal पर लॉगिन कैसे करे?
1. सबसे पहले केंद्र सरकार द्वारा जारी किया गया आधिकारिक वेबसाइट https://pmmvy.wcd.gov.in/ में जाना होगा।
2. जैसे ही आप इस वेबसाइट के होम पेज में जाते है तब आपको होम पेज में login के ऑप्शन में क्लिक कर देना होगा।
3. अब आपको यूजर आईडी और पासवर्ड दर्ज करने के बाद आपको कैप्चा दर्ज कर लेना होगा फिर लॉगिन में क्लिक कर लेना होगा।
इस तरह से आप प्रधानमंत्री मातृ योजना के लिए लॉगिन कर सकते हैं।
महत्वपूर्ण प्रश्न
प्रश्न : नकद प्रोत्साहन की दूसरी किस्त का दावा कब तक किया जा सकता है?
उत्तर : दूसरी किस्त का दावा महिला आवेदक अंतिम मासिक धर्म (एलएमपी) के 180 दिन बाद कर सकती है।
प्रश्न : क्या जुड़वा बच्चे की मां बनने वाली प्रधानमंत्री मातृ योजना के लिए आवेदन कर सकती है?
उत्तर : हां, आप इस योजना के अंतर्गत लाभ प्राप्त करने के लिए पात्र है।
प्रश्न : क्या बच्चे के जन्म के बाद इस योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं?
उत्तर : हाँ, अगर आप बाकी सारी पात्रता मानदंड को पूरा करते हैं, तो आप एलएमपी तिथि से 730 दिनों के भीतर या बच्चे के जन्म की तारीख से 460 दिनों के भीतर (एलएमपी तिथि की अनुपलब्धता के मामले में) पीएमएमवीवाई योजना के तहत लाभ के लिए आवेदन कर सकता है, ।
प्रश्न : क्या लाभार्थी को गर्भपात या मृत शिशु के जन्म की स्थिति में लाभ मिलेगा?
उत्तर : इस मामले मे लाभार्थी को गर्भावस्था सक्रिय रहने तक किश्तें मिलती रहेंगी। चूंकि लाभ का भुगतान गर्भावस्था के समय के अनुसार तीन किश्तों में किया जाता है, तो लाभार्थी को मृत शिशु के जन्म के मामले में कम से कम दो किश्तें मिलेंगी। इसमे लाभ मिलेगा की नहीं वह तय करने मे गर्भपात की तारीख भी एक घटक रहेगी।
प्रश्न : क्या आवेदन जमा करने की कोई अंतिम तिथि है?
उत्तर : हां, लाभार्थी उसके अंतिम मासिक धर्म की तारीख से 2 साल के भीतर ही इस योजना के लिए आवेदन कर सकते है। ऊसके बाद नहीं कर सकते।